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2 Feb 2024 · 1 min read

जो आयीं तुम..

ग़र आई लौट कर
किसी दिन
खुद से मिलाऊंगा तुम्हें,
खुद से जो की थी खुद की बातेँ
वही बताऊँगा तुम्हें..
भीगा था जो तकिया अनजाने में
निकले आंसुओं से
दिखाऊंगा तुम्हें!!
हो बहुत मसरूफ तुम
ये है ख़बर मुझको,
फ़िर भी
ग़र दो पल के लिए ही सही
जो आयीं कभी तुम लौट के
किस्से अपनी तन्हाइयों के
सुनाऊँगा तुम्हें!!

हिमांशु Kulshrestha

Language: Hindi
50 Views
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