जैसा बोओगे वैसा काटोगे
जैसा वोओगे वैसा काटोगे
वर्तमान परिश्रम से सींचो
भविष्य सुनहरा हो जाएगा
जैसा कर्म करोगे भैया
वैसा ही तो फल आएगा
अतीत बीत गया
भविष्य अभी आया नहीं
छोटा सा वर्तमान है
यही तो अस्तित्ववान है
बीता हुआ कल
आज की स्मृति है
भविष्य आज की कल्पना
वर्तमान हाथ में है
पूर्ण करो लक्ष्य की संकल्पना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी