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13 Dec 2023 · 1 min read

*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*

जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)
_____________________________
जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन
आँखें भी हैं बोलतीं ,यद्यपि दिखतीं मौन
यद्यपि दिखतीं मौन ,आँख से नेह बरसता
अगर देखतीं घात ,खून भीतर में बसता
कहते रवि कविराय ,सत्य आँखों को मानो
कहतीं कभी न झूठ ,इन्हीं की मन की जानो
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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