जेहनी खुदकुशी
जब तुम्हीं को नहीं पाना
जब तुम्हीं से नहीं मिलना
तो मेरी ज़िंदगी का
मतलब क्या है आख़िर!
जब तुम्हीं को नहीं देनी
जब तुम्हीं से नहीं लेनी
तो मेरी उस ख़ुशी का
मतलब क्या है आख़िर!!
बेहतर है तोड़ दूं क़लम
बेहतर है फूंक दूं किताब
और जेहनी तौर पर
मैं खुदकुशी कर लूं आज!
जब तुम्हीं को नहीं पढ़नी
जब तुम्हीं को नहीं सुननी
तो मेरी शायरी का
मतलब क्या है आख़िर!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#brokenheart
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