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1 Apr 2024 · 1 min read

सत्य की पहचान

जीवन की पहेलियों में बिखरा,🍂
रंगीन रंगो में रंगहीन हैं सत्य
इस युग की लीलाओं में सत्य की पहचान करो।।

समय के घेरे में चकरा रहा,🍂
नवीन हस्तियों के मेले में ग़ुमराह हैं सत्य
इस युग की लीलाओं में सत्य की पहचान करो।।

बेमतलब के शोर में चिल्ला रहा,🍂
कलयुग के अँधेरे में छुपा हैं सत्य
इस युग की लीलाओं में सत्य की पहचान करो।।

भ्रष्टाचार के धोखे में फँसा 🍂
आँधी-तूफ़ान के चापेटे में ख़ामोश हैं सत्य
इस युग की लीलाओं में सत्य की पहचान करो।।

काव्य प्रतियोगता विषय- सत्य की खोज़
मौलिक एवं स्वरचित- डॉ. वैशाली वर्मा✍🏻

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