Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2020 · 1 min read

जुदाई

तेरी नजरो का नूर बनना चाहता हूँ
तेरे साथ हर डगर चलना चाहता हूँ
मुझको पता है तुमको चाह नही मेरी
फिर भी तुम्हारे रंग मे ढलना चाहता हूँ

©️अक्षय दुबे ‘सहज ‘
ग्वालियर म प्र

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 597 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सुन रहा है न तू"
Pushpraj Anant
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
आपका समाज जितना ज्यादा होगा!
Suraj kushwaha
"ऐनक"
Dr. Kishan tandon kranti
💐Prodigy Love-42💐
💐Prodigy Love-42💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
स्वयं छुरी से चीर गल, परखें पैनी धार ।
Arvind trivedi
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पहला प्यार
पहला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"अगर हो वक़्त अच्छा तो सभी अपने हुआ करते
आर.एस. 'प्रीतम'
नदिया के पार (सिनेमा) / MUSAFIR BAITHA
नदिया के पार (सिनेमा) / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
शायरी
शायरी
डॉ मनीष सिंह राजवंशी
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
■ असलियत
■ असलियत
*Author प्रणय प्रभात*
न मौत आती है ,न घुटता है दम
न मौत आती है ,न घुटता है दम
Shweta Soni
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
Dr fauzia Naseem shad
है माँ
है माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*यहाँ पर आजकल होती हैं ,बस बाजार की बातें ( हिंदी गजल/गीतिक
*यहाँ पर आजकल होती हैं ,बस बाजार की बातें ( हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
My Lord
My Lord
Kanchan Khanna
The World on a Crossroad: Analysing the Pros and Cons of a Potential Superpower Conflict
The World on a Crossroad: Analysing the Pros and Cons of a Potential Superpower Conflict
Shyam Sundar Subramanian
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
प्रीति की राह पर बढ़ चले जो कदम।
surenderpal vaidya
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
हरवंश हृदय
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
Er. Sanjay Shrivastava
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
You can't AFFORD me
You can't AFFORD me
Vandana maurya
नरक और स्वर्ग
नरक और स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आधुनिक बचपन
आधुनिक बचपन
लक्ष्मी सिंह
Loading...