आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
-- कैसा बुजुर्ग --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कविता: सजना है साजन के लिए
चैन से जी पाते नहीं,ख्वाबों को ढोते-ढोते
करे ज़ुदा बातें हरपल जो, मानव वो दीवाना है।
RATHOD SRAVAN WAS GREAT HONORED
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल / MUSAFIR BAITHA
जिंदगी का चमत्कार,जिंदगी भर किया इंतजार,
" मेरे जीवन का राज है राज "
करतल पर सबका लिखा ,सब भविष्य या भूत (कुंडलिया)
दुनिया दिखावे पर मरती है , हम सादगी पर मरते हैं
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
गैरों से कोई नाराजगी नहीं
💐प्रेम कौतुक-449💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)