Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2020 · 1 min read

जी भर के..

मेने कब कहा मुझसे मुहब्बत कीजिये
काबिल ए नफरत हूं तो जी भर के कीजिये…

Language: Hindi
2 Likes · 443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" कू कू "
Dr Meenu Poonia
हम अपनी ज़ात में
हम अपनी ज़ात में
Dr fauzia Naseem shad
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
DrLakshman Jha Parimal
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
शहीदों के लिए (कविता)
शहीदों के लिए (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ बस, एक ही अनुरोध...
■ बस, एक ही अनुरोध...
*Author प्रणय प्रभात*
कौन है वो .....
कौन है वो .....
sushil sarna
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
Taj Mohammad
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
AMRESH KUMAR VERMA
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
........
........
शेखर सिंह
प्रस्फुटन
प्रस्फुटन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
वक्त के थपेड़ो ने जीना सीखा दिया
Pramila sultan
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
Ankita Patel
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
*बादल दोस्त हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Jay prakash
Jay prakash
Jay Dewangan
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
एक खाली बर्तन,
एक खाली बर्तन,
नेताम आर सी
मत बनो उल्लू
मत बनो उल्लू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
3275.*पूर्णिका*
3275.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
असली खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...