जीवन है यदि प्रेम
सर्वत्र कुशल क्षेम है, जीवन में यदि प्रेम
रामबाण है यह दवा, लीजिये टेम टू टेम
जीवन इक रस धार है, मतकर वाद-विवाद
जी तू मधुरिम पल सदा, कर खुद को आबाद
वाणी से ही प्रेम है, अच्छा कर व्यवहार
जीवन में सदभाव यदि, बढ़े इसी से प्यार
कविता नहीं तुकांत भर, जीवन है इक छंद
प्रेम रूप में बह रहा, अर्थ युक्त हर बंद
सुनो हृदय की धड़कनों, तुम जीवन उपहार
बचपन से हो आज तक, तुम ही मेरा प्यार
खेल ख़त्म फिर आपका, मौत सभी की सौत
चलना ही है ज़िन्दगी, ठहर गए तो मौत
वाणी की तलवार को, सदैव रखिये म्यान
नाप तोलकर बोलिये, रहे इसी पर ध्यान
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