बुला रहा है मुझे रोज़ आसमा से कौन
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
माटी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
ग़ज़ल-अपनी ही एक ख़ुमारी है !
वक्त के साथ लड़कों से धीरे धीरे छूटता गया,
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कुछ खास शौक नही है मुझे जीने का।
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
*थियोसॉफिकल सोसायटी से मेरा संपर्क*