जीवन पथ
यह गीत मेरे दिल के बहुत करीब है क्योंकि इसमें पापा की प्रेरणा है।
ये जीवन युद्ध है प्यारे, तुझे हर हाल में लड़ना है,
आशाओं के पर लेकर, तुझे हर हाल में उड़ना है,
ये फूलों का बगीचा है, ये तुझ बिन ही तो सूना है,
फरक़ पड़ता नहीं लेकिन तुझे अम्बर को छूना है…
निकल इस सकल चराचर से, तू इक केतू विराट धर,
जो तय करना है अग्नि पथ, तो भी कैसा ललाट पर,
कि खोना और पाना तो जीवन का दर्शन है,
तू चल दृढ़ता की दस्तक दे, सफलता के कपाट पर…
तुझे घेरे न अँधेरे, तू ऐसे शौर्य को वर ले,
जवानी है विचल-अविचल, जरा सा धैर्य तू धर ले,
ये तय करले की तू पा ले सहज संकल्प से सिद्धि,
कि गर्वित दीप सा चमके तू से दौर्य(कार्य) को कर ले…
ये जीवन युद्ध है प्यारे, तुझे हर हाल में लड़ना है,
आशाओं के पर लेकर, तुझे हर हाल में उड़ना है…
कमल दीपेंद्र सिंह, अमरोहा, उ०प्र०
(अनवरत विद्यार्थी)