Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2018 · 1 min read

जीवन चलने का नाम

जो ठहर जाए
वो जिंदगी कहाँ।
गम, मुश्किले,अड़चने
तनाव,ठहराव
आते है मौसमो की तरह
और गुजर जाते है।
चलती रहती है जिंदगी
कभी रफ्ता रफ्ता
कभी भागती हुई सरपट।
जीवन की संजीवनी
रिश्तो में घुला
प्यार और गर्माहट।
अपनेपन का अमृत
जीवन को बनाता
है अर्थवान।
और हममे भर देता है
जिंदगी को भरपूर
जीने का जज्बा।
लब पे आती है दुआ
अपनी जड़ो से दूर न हो।
आसमान छोटा सा तो है
खुद में तलाश लो ईश्वर।
थोड़ा सा वक्त हो
अपनों के लिए
एक निगाह सतत
जागरूक और चौकन्नी।
कागज के फूल
खुशबु कहाँ से लायेगे
जिंदगी बदलती रहे पल पल।।

Language: Hindi
408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरे लिए
मेरे लिए
Shweta Soni
चांद कहानी
चांद कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
शून्य
शून्य
Roopali Sharma
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय*
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
“अर्थ” बिना नहीं “अर्थ” है कोई ...
Sunil Suman
23/13.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/13.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अंतर्द्वंध
अंतर्द्वंध
पूर्वार्थ
रुई-रुई से धागा बना
रुई-रुई से धागा बना
TARAN VERMA
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
तनाव
तनाव
OM PRAKASH MEENA
खुली किताब सी लगती हो
खुली किताब सी लगती हो
Jitendra Chhonkar
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए।
Sanjay ' शून्य'
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
महाकवि 'भास'
महाकवि 'भास'
Indu Singh
हे ईश्वर
हे ईश्वर
sheema anmol
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Chaahat
कुर्सी
कुर्सी
Rambali Mishra
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
Ashwini sharma
बेटी
बेटी
अनुराग दीक्षित
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
सपनों वाली लड़की
सपनों वाली लड़की
Shekhar Chandra Mitra
कुछ नमी अपने साथ लाता है
कुछ नमी अपने साथ लाता है
Dr fauzia Naseem shad
कितनी राहें
कितनी राहें
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बरसात
बरसात
Ashwani Kumar Jaiswal
'प्रभात वर्णन'
'प्रभात वर्णन'
Godambari Negi
"ये कैसा जुल्म?"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...