*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेकिन सीधा नही है ,कभी ऊबड़ खाबड़ टेढे मेढे रास्ते मिलते हैं।नाकामयाबी हाथ लगे असफलता मिले तो मन में अंदर से कोई प्रतिरोध ना हो।
ऐसे वक्त में अपना दृष्टिकोण अच्छा होता है कि स्वयं को याद दिलाएं कि नवीन कार्य करने में देरी हो सकती है परंतु आपको इससे वंचित नहीं किया जाएगा।
अपने सृजन को श्रेष्ठता हासिल करने के लिए सब कुछ किया लेकिन आखिरी व्यक्ति सही फैसला लेने में अलग अलग दिशाओं में उजागर होती है।सही गलत कुछ नहीं होता जो भी भीतर से सही लगे वही सृजन कीजिए।
शशिकला व्यास शिल्पी✍️