“जीवन का निचोड़”
“जीवन का निचोड़”
जीना, जीना, जीना
मगर पता नहीं
मरना सीखने के पहले
कितने लोग सही अर्थ में
जिन्दगी जी पाते हैं,
मरकर भी जो
दुनिया में अमर हो जाते हैं।
“जीवन का निचोड़”
जीना, जीना, जीना
मगर पता नहीं
मरना सीखने के पहले
कितने लोग सही अर्थ में
जिन्दगी जी पाते हैं,
मरकर भी जो
दुनिया में अमर हो जाते हैं।