जीया ख़ान ख़ान
जीया ख़ान ख़ान,
छल छल करे हीया ,
नयन भींगे टप -टप,
दिन रात कटे भोरे,
घन घोर बादल ,
भटके -भटके,
भट …भट करे,
सावन जोर -जोर,
बरसात करे…
पलकों पलट- पलट,
देख मन प्रीत की आश….
कृष्ण आएं द्वार,
संग राधा रास करे।
जीया ख़ान ख़ान,
छल छल करे हीया ,
नयन भींगे टप -टप,
दिन रात कटे भोरे,
घन घोर बादल ,
भटके -भटके,
भट …भट करे,
सावन जोर -जोर,
बरसात करे…
पलकों पलट- पलट,
देख मन प्रीत की आश….
कृष्ण आएं द्वार,
संग राधा रास करे।