Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2022 · 1 min read

जिस रिश्ते में

जिस रिश्ते में आपको अपने
अन्य रिश्तो के लिए स्पष्टीकरण
देना पड़े तो ऐसे रिश्ते को
कभी हल्के में न लें,. ज्ञात रहे
ऐसे रिश्ते आगे चल कर
मानसिक स्वास्थ्य को हानि
पहुंचाने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाते हैं ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
9 Likes · 190 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

गांव मेरा क्या पहले जैसा है
गांव मेरा क्या पहले जैसा है
आर एस आघात
नारी का जीवन
नारी का जीवन
Uttirna Dhar
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
रोये रोये आज दिल रोये
रोये रोये आज दिल रोये
श्रीहर्ष आचार्य
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
Ravikesh Jha
सच्चा आनंद
सच्चा आनंद
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*
*"पापा की लाडली"*
Shashi kala vyas
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
हिमांशु Kulshrestha
3765.💐 *पूर्णिका* 💐
3765.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
जीवन में कला , संवेदनाओं की वाहक है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
The destination
The destination
Bidyadhar Mantry
हमारी वफा
हमारी वफा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
पूर्वार्थ
बहुत धूप है
बहुत धूप है
sushil sarna
सच
सच
Sanjeev Kumar mishra
"सच और झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
*प्रणय*
कहने की कोई बात नहीं है
कहने की कोई बात नहीं है
Suryakant Dwivedi
जोड़कर  तोड़ते  नहीं  रिश्ता
जोड़कर तोड़ते नहीं रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में दिन चार मिलें है,
जीवन में दिन चार मिलें है,
Satish Srijan
माटी
माटी
MUSKAAN YADAV
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
*धन का नशा रूप का जादू, हुई शाम ढल जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
25. Dream
25. Dream
Ahtesham Ahmad
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...