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12 May 2024 · 1 min read

हमारी वफा

हमसे नजरे चुरा कर कब तक छिप पाओगे,
कभी न कभी तुम आईने के सामने आओगे,
हो सकता है कि तुम्हें न दिखे बेरुखी तुम्हारी,
हमारी वफाओं को तुम कभी न भूल पाओगे।

✍️ लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा

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