“जिसका जैसा नजरिया”
“जिसका जैसा नजरिया”
मैं खुली किताब भी
और बन्द लिफाफा,
जिसका जैसा नजरिया
उसने वैसा आँका।
कोई मेरी बात सुने
चाहे कर दे अनसुनी,
बन्द दरवाजे को मैंने
पलटकर नहीं झाँका।
“जिसका जैसा नजरिया”
मैं खुली किताब भी
और बन्द लिफाफा,
जिसका जैसा नजरिया
उसने वैसा आँका।
कोई मेरी बात सुने
चाहे कर दे अनसुनी,
बन्द दरवाजे को मैंने
पलटकर नहीं झाँका।