Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 1 min read

हरि प्रबोधिनी एकादशी

हरि प्रबोधिनी एकादशी,जागे हरि योग निद्रा त्याग।
वापस लौटे पाताल से, घड़ियां हुईं सभी शुभ आज।
पावन कार्तिक मास का, है शुक्ल पक्ष उत्तम संयोग।
सजे बन शालीग्राम दूल्हा,विवाह शुभ तुलसी के साथ।

घर घर जले दीप कर पूजन, गुड़ गन्ने का मधुर भोग।
सिंघाड़ा और शकरकंद से, पूजित प्रभु हरें सकल रोग।
धूप दीप जगा कर कर लो, हरि को निज मन में याद।
करुणापति सुनेंगे आज सब , भक्त करे मिल फरियाद।

पावन भक्ति स्नान में सारे, मिट जाते संशय और क्लेश।
एकादशी के इस पावन व्रत से, मिटे सब पाप और दोष।
हाथ जोड़ हरि से विनय यह, करुणा दृष्टि करो हे नाथ ।
शरण हम आपकी आ गए, रखिए निज कृपा का हाथ।

स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश

58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
नन्हीं परी आई है
नन्हीं परी आई है
Mukesh Kumar Sonkar
यादों की तुरपाई कर दें
यादों की तुरपाई कर दें
Shweta Soni
"निखार" - ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का
Monika Arora
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
रास्ते में आएंगी रुकावटें बहुत!!
पूर्वार्थ
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
*पॉंच सदी के बाद देश ने, गौरव का क्षण पाया है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का भविष्य
Shyam Sundar Subramanian
💃युवती💃
💃युवती💃
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
ना कुछ जवाब देती हो,
ना कुछ जवाब देती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
मित्रो नमस्कार!
मित्रो नमस्कार!
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
2900.*पूर्णिका*
2900.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
यादों के सहारे कट जाती है जिन्दगी,
यादों के सहारे कट जाती है जिन्दगी,
Ram Krishan Rastogi
आज बगिया में था सम्मेलन
आज बगिया में था सम्मेलन
VINOD CHAUHAN
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*प्रणय प्रभात*
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कुंवारों का तो ठीक है
कुंवारों का तो ठीक है
शेखर सिंह
ताजा समाचार है?
ताजा समाचार है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...