जिन्दगी की कुछ सच्चाईयां –आर के रस्तोगी
तू कल की फिकर में ऐ बन्दे !
आज की हंसी बर्बाद न कर
हंस मरते हुए भी गाता है
मोर नाचते हुए भी रोता है
ये जिन्दगी का फंडा है दोस्त !
इसको हमेशा तू याद रखना
दुखो वाली रात को भी नींद नहीं आती
सुखो वाली रात को भी नींद नहीं आती
ईश्वर का दिया कभी अलग नहीं होता
जो टूट जाये कभी संकल्प नही होता
हार को लक्ष्य से हमेशा दूर रखना
क्योकि जीत का कोई विकल्प नही होता
जिन्दगी तो चीज के टूटने के लिये होती है
एक साँस और दूसरा किसी का साथ
साँस टूटने से तो इन्सान एक बार मरता है
पर किसी का साथ छूटने से पल पल मरता है
जिन्दगी का सबसे बड़ा अपराध है
किसी की आँख में आँसू आपकी बजह से होता है
और किसी की आँख में आँसू आपके लिये होता है
जिन्दगी माँ जीना आसान नहीं होता
जब तक न पड़े हथोड़े की करारी चोट
पत्थर भी कभी भगवान नहीं होता
जरूरत के हिसाब से जिन्दगी जियो
ख्वाशयो के मुताबिक कभी नहीं
क्योकि जरूरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है
और ख्वाशाये तो बादशाहों की भी पूरी नहीं होती
आर के रस्तोगी