Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

जिंदगी को बोझ नहीं मानता

जिंदगी को बोझ नहीं मानता,
बोझ तन पर मन पर l
जिम्मेदारी का क्यों ना हो?
अकेले ही चला जाना है l
जिंदगी की कटीली पथरीली ,
कंकरीली राहों में ll

सुनसान जगह अंजान राही ,
अंजान पथिक यूं ही।
चले जाना ही अक्ल बंदी ,
दस्तूर दुनिया का यही मीलो दूर ।
मंजिल को पाना ही ध्येय,
इंसान वही जो पथभ्रष्ट ना हो।।

निरंतर अपनी मंजिल की तरफ,
चलने का अभिलाषी हो ।
दुख सुख को समान समझना,
लाभ हानि को बराबर मानकर।
जिंदगी की चमक धमक से दूर,
सन्यासी जैसा जीवन जीना ही जिंदगी।।
सतपाल चौहान।

Language: Hindi
1 Like · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SATPAL CHAUHAN
View all

You may also like these posts

नारी नर
नारी नर
लक्ष्मी सिंह
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
मानवता
मानवता
Ruchi Sharma
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
मानव शरीर पाकर भी
मानव शरीर पाकर भी
Shweta Soni
मेरी हिंदी शिक्षिका....
मेरी हिंदी शिक्षिका....
पं अंजू पांडेय अश्रु
नित्यता सत्य की
नित्यता सत्य की
Dr MusafiR BaithA
" वफादार "
Dr. Kishan tandon kranti
आँसू
आँसू
Shashi Mahajan
पुण्य पताका फहरे
पुण्य पताका फहरे
Santosh kumar Miri
संन्यास से त्याग तक
संन्यास से त्याग तक
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
तू है तसुव्वर में तो ए खुदा !
ओनिका सेतिया 'अनु '
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
3862.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Knowing others is intelligence; knowing yourself is true wis
Knowing others is intelligence; knowing yourself is true wis
पूर्वार्थ
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
20
20
अश्विनी (विप्र)
जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं
जख्म भी अब मुस्कुराने लगे हैं
डॉ. एकान्त नेगी
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
‘1857 के विद्रोह’ की नायिका रानी लक्ष्मीबाई
कवि रमेशराज
दोहा
दोहा
Sudhir srivastava
जुदाई  की घड़ी लंबी  कटेंगे रात -दिन कैसे
जुदाई की घड़ी लंबी कटेंगे रात -दिन कैसे
Dr Archana Gupta
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#Secial_story
#Secial_story
*प्रणय प्रभात*
शीर्षक - तृतीय माँ
शीर्षक - तृतीय माँ
Neeraj Kumar Agarwal
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय बोलो श्री राधे राधे
जय बोलो श्री राधे राधे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जिन्हें सिखाया तैरना, दरिया में हर बार
जिन्हें सिखाया तैरना, दरिया में हर बार
RAMESH SHARMA
सूरतों  में ख़ूब होंगी शैख, गो हूर ए जन्नत
सूरतों में ख़ूब होंगी शैख, गो हूर ए जन्नत
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...