** जिंदगानी **
जिन्दगी की तो अपनी ही कहानी है।
कहा सबने पर किसने इसे मानी है।
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कभी कोई हंसता हुआ है दिखता,
पर आँखों के पीछे दर्द का पानी है।
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कुछ लोग सुनाते दर्द भरी कहानी,
पर माना तो सबने इसे बेमानी है|
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आज के जमाने की क्या बात करूँ,
इतिहास में भी इसकी निशानी है।
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क्यों अधिक चिन्तन करना ‘पूनम’
यही सत्य तो कहाती जिंदगानी है।
@पूनम झा|कोटा, राजस्थान