#कुंडलिया//जागरूक बनिए
गुणवत्ता को देखके , लेना आज समान।
विज्ञापन धोखा करे , रखना ये अनुमान।।
रखना ये अनुमान , व्यर्थ जाए ना पैसा।
चकाचौंध को मात , यार दो करके ऐसा।
सुन प्रीतम की बात , मिलावट की है सत्ता।
करें दिखावा ख़ूब , नहीं है पर गुणवत्ता।
करते खुद का फ़ायदा , बन अपराधी चोर।
करें मिलावट शौक़ से , चाहे मरता और।।
चाहे मरता और , खज़ाना अपना भरना।
दूजा जाए भाड़ , सोच के क्या है करना।
सुन प्रीतम की बात , आत्म हैंं गिरवी धरते।
दूजे को दे मौत , खुशी हैं आँगन करते।
#आर.एस.प्रीतम
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