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8 Jul 2024 · 1 min read

ज़िंदगी

ज़िंदगी झाँसा बहुत दिया तूने चकमा तुझे दे जाऊँगा
ढूँढना फिर तू मुझे सताने को मैं फ़ना हो जाऊँगा

डा राजीव “सागरी”

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