“जरा देख”
“जरा देख”
आखिर कब तक दोगे
औरों को दोष
कुछ अपनी गलती तो देख,
बजती है ताली
दोनों हाथों से ही
कुछ अपने हाथ की
गलती भी तो देख।
“जरा देख”
आखिर कब तक दोगे
औरों को दोष
कुछ अपनी गलती तो देख,
बजती है ताली
दोनों हाथों से ही
कुछ अपने हाथ की
गलती भी तो देख।