Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2023 · 2 min read

धूल रहे ना मन आंगन

हम सभी मानव हैं, और मानव जीवन में हमारे कार्य व्यवहार में बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं या हो जाती जिसे मानवीय मूल्य की दृष्टि से अनुचित कहा जाता है और हमारे मन में सामने वाले के प्रति धूल जमने ही लगती है। ऐसे में हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि ऐसा न हो क्योंकि भूल चूक तो जीवन का हिस्सा है, कोई भी उससे बचा नहीं है, ऐसे में हम ऐसी बातों को दिल से न लेकर सामान्य ही रहें, ताकि हम भी परेशान न हों और सामने वाले को नीचा दिखाने का प्रयास कर संबंधों में दूरियां न पैदा करें। जैसे हम धूल झाड़ कर अपनी चीजों को साफ कर फ़िर से उसे साफ सुथरा कर सुंदर दिखाने और फिर से उपयोग करने में संकोच नहीं करते हैं, न कि उसे फेंक देते हैं। ऐसा ही हमें अपने संबंधों के लिए समझना और करना चाहिए।
तीज त्योहारों पर हम साफ सफाई कर घर, दुकान, प्रतिष्ठान, मकान, वाहन आदि साफ सुथरा कर नया करने का प्रयास करते ही रहते हैं और अच्छा लगे का फिर से प्रयास कर थोड़ा बहुत नये तरह से व्यवस्थित कर बदलाव करते हैं, जिससे हमें बदलाव का भी आभास होता है, कुछ ऐसा ही हमें अपने मन के आंगन के लिए भी करना चाहिए, उस पर जो भी थोड़ा बहुत दूर जमी हो उसे साफ सुथरा कर नयापन लाते रहना चाहिए ।नकारात्मक बातों का विचार जब हमारे मन में पनपने लगे तो हम उन्हें दूर करते रहें, ताकि हमारे मन का आंगन भी साफ सुथरा बना ही रहने के साथ हमें खुश रहने की प्रेरणा प्रदान करता रहे। आपस में सद्भाव, भाईचारा बना रहे, किसी के प्रति छल कपट ईर्ष्या द्वैष ना रहे और हर तरह से हमारे मन का आंगन सदैव स्वच्छ पवित्र और निर्मल पावन बना रहे। सभी के लिए हमारे मन में सकारात्मक भाव हो, ईश्वर सभी का कल्याण करें, सभी स्वस्थ सानंद रहें, यही ईश्वर से प्रार्थना करतूत रहें है।
तब निश्चित ही हमारे मन के आंगन में धूल जमने ही नहीं पायेगी और हम सब खुशहाल रहे सकेंगे। कहने सुनने के लिए यह बहुत साधारण सी बात है, लेकिन हम यदि ऐसे प्रयास निरंतर करते रहें तो इसका सुखद परिणाम हमें स्वमेव प्राप्त होता रहेगा। जिसका हम सबके जीवन में बड़ा महत्व होगा।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: लेख
56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"दिल को"
Dr. Kishan tandon kranti
माता की चौकी
माता की चौकी
Sidhartha Mishra
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
So many of us are currently going through huge energetic shi
So many of us are currently going through huge energetic shi
पूर्वार्थ
2770. *पूर्णिका*
2770. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
Aarti sirsat
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
एक दोहा...
एक दोहा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Style of love
Style of love
Otteri Selvakumar
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
जो विष को पीना जाने
जो विष को पीना जाने
Pt. Brajesh Kumar Nayak
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Canine Friends
Canine Friends
Dhriti Mishra
बेवफा, जुल्मी💔 पापा की परी, अगर तेरे किए वादे सच्चे होते....
बेवफा, जुल्मी💔 पापा की परी, अगर तेरे किए वादे सच्चे होते....
SPK Sachin Lodhi
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
"प्रत्युत्तर"
*Author प्रणय प्रभात*
राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में,
राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में,
जगदीश शर्मा सहज
धवल चाँदनी में हरित,
धवल चाँदनी में हरित,
sushil sarna
जोमाटो वाले अंकल
जोमाटो वाले अंकल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
हैवानियत
हैवानियत
Shekhar Chandra Mitra
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sakshi Tripathi
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
मैं तुम्हारे ख्वाबों खयालों में, मद मस्त शाम ओ सहर में हूॅं।
सत्य कुमार प्रेमी
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
कर्मठ व्यक्ति की सहनशीलता ही धैर्य है, उसके द्वारा किया क्षम
Sanjay ' शून्य'
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना
Atul "Krishn"
सहारा...
सहारा...
Naushaba Suriya
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...