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21 Feb 2024 · 1 min read

सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो

सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।।
इधर उधर कई मंज़िल हैं चल सको तो चलो
बने बनाये हैं साँचे जो ढल सको तो चलो।।
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो।।
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिराके अगर तुम सम्भल सको तो चलो।।
यही है जिन्दगी कुछ ख्वाब चन्द उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।।
हर इक सफर को है महफूस रास्तों की तलाश
हिफाजतों की रिवायत बदल सको तो चलो।।
कहीं नहीं कोई सूरज, धुआँ धुआँ है फिजा
खुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो।।

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