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15 Feb 2023 · 1 min read

खुद को संभालो यारो

उसने भी देखा, हमने भी देखा
उसके बिन ये ज़िंदगी कुछ नहीं है
जो साथ चलने को हो वो राज़ी
इससे बेहतर कोई बात नहीं है

दिल में आए, फिर बस गए वो
मगर वो आज मेरे साथ नहीं है
है बड़ी विडंबना की बात ये तो
दिल में जो बसे, वो साथ नहीं है

क्या करते, क्या न करते हम
इस बात से कोई फर्क ही नहीं है
उसको तो जाना ही था छोड़कर
जब वो मेरे नसीब में ही नहीं है

नसीब बनाए भी कैसे हम
जब उसकी रज़ा ही नहीं है
है ये कैसी मोहब्बत जिसमें
बेवफ़ा को सज़ा ही नहीं है

सज़ा मिलती है सच्चे प्यार को
बेवफ़ा को तो कोई फर्क ही नहीं है
बैठे रहते है आंसू बहाने अकेले में जो
किसी को उनकी फिकर ही नहीं है

कैसे कटेगा ये जीवन उनका
कहीं रोना ही उनकी किस्मत तो नहीं है
संभालो यारों खुद को स्वयं ही तुम
बदलने वाला लगता ये मंज़र तो नहीं है

छोड़कर मयखाने का रास्ता
किसी की आंखों में क्यों नशा ढूंढता नहीं है
डूब जाता है जब उसमें कोई एक बार
वो ज़िन्दगी में फिर कभी डूबता नहीं है।

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 1159 Views
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