जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो, क्या हाल दिल का होगा।
कैसे जुदाई होगी सहन, क्या हाल दिल का होगा।।
जब होंगे हम जुदा तो——————-।।
अब तक तो नहीं रहे, एक दूजे से कभी दूर।
रही है होठों पे हंसी, चेहरे पर हरपल नूर।।
किससे कहेंगे दर्द अपना,क्या हाल दिल का होगा।
जब होंगे हम जुदा तो——————-।।
क्या होगा उन सपनों का, जो हमने संजोये हैं।
क्या होगा उन चिरागों का, जो हमने जलाये हैं।।
क्या होगा अरमानों का, क्या हाल दिल का होगा।।
जब होंगे हम जुदा तो——————।।
बिन तुम्हारे सफर हमारा, कहो कैसे होगा पूरा।
रौनक होगी नहीं चमन में, जीवन यह अधूरा होगा।।
किसके संग हम हंसेंगे कल, क्या हाल दिल का होगा।
जब होंगे हम जुदा तो ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)