“जब शोहरत मिली तो”
“जब शोहरत मिली तो”
जब शोहरत मिली तो
नींद भी हमसे दूर चली गई,
एक गुमनाम जिन्दगी थी
सुकून और खूबसूरत एहसास भरी।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
“जब शोहरत मिली तो”
जब शोहरत मिली तो
नींद भी हमसे दूर चली गई,
एक गुमनाम जिन्दगी थी
सुकून और खूबसूरत एहसास भरी।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति