Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2022 · 1 min read

जन्मदिन

मैं भी सभी के जन्म दिनों पे सरीक होना चाहता हूँ पर उनकी नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से मुझे डर लगता है!@परिमल

Language: Hindi
407 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खेल-खेल में सीखो 【बाल कविता 】
खेल-खेल में सीखो 【बाल कविता 】
Ravi Prakash
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
उत्कर्षता
उत्कर्षता
अंजनीत निज्जर
यह ज़िंदगी है आपकी
यह ज़िंदगी है आपकी
Dr fauzia Naseem shad
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
"तुर्रम खान"
Dr. Kishan tandon kranti
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है  जब उसकी प्रेमि
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है जब उसकी प्रेमि
पूर्वार्थ
बिजलियों का दौर
बिजलियों का दौर
अरशद रसूल बदायूंनी
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
तुम्ही ने दर्द दिया है,तुम्ही दवा देना
Ram Krishan Rastogi
तलाश हमें  मौके की नहीं मुलाकात की है
तलाश हमें मौके की नहीं मुलाकात की है
Tushar Singh
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
//?
//?
*Author प्रणय प्रभात*
ये लोकतंत्र की बात है
ये लोकतंत्र की बात है
Rohit yadav
.......
.......
शेखर सिंह
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
🌹लाफ्टर थेरेपी!हे हे हे हे यू लाफ्टर थेरेपी🌹
🌹लाफ्टर थेरेपी!हे हे हे हे यू लाफ्टर थेरेपी🌹
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
थोड़ा थोड़ा
थोड़ा थोड़ा
Satish Srijan
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
प्रिय भतीजी के लिए...
प्रिय भतीजी के लिए...
डॉ.सीमा अग्रवाल
देखो-देखो आया सावन।
देखो-देखो आया सावन।
लक्ष्मी सिंह
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
Subhash Singhai
Loading...