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2 Sep 2022 · 1 min read

जनाजा

जिसे समझा था हमने हीरा ,
वोह तो शीशा निकला ।
नजरों से गिरकर टूट गया ,
मगर उसके टुकड़े तो फिर भी ,
और सदा के लिए चुभते है आंखों को ।
और दिल को चीर देते है ।
खून के आंसू रोते है हम हर पल ,
मगर वोह मनहूस शीश ही जाने क्यों ,
जिंदगी से सदा के लिए दूर नहीं होता ।
जिसकी वजह से हमारी उम्मीदों का ,
हमारी खुशियों और तमन्नाओं का जनाजा निकला ।

Language: Hindi
155 Views
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