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30 Aug 2023 · 1 min read

तुम्हें पाने के लिए

तुम्हे पाने के लिये मैने क्या कुछ नही किया।
सुलगते दिल के बाम पर जलाया रोज दीया।

तकदीर की लकीरो मे तेरा नाम ढूँढती रही,
पर नजर न आया वो कही मुझ को रे पिया।

सारी अमानते तू मेरे पास छोड़ गया तू रे
आहें,आँसू,सपने और तड़पता एक जिया।

लफ्ज रोते है अब मेरे पाँव से लिपट कर
जिन से मोहब्बत का कभी नाम था लिया।

इल्तजा अब मै खुदा से ही करू तो कैसे
मैने क्या कर लिया या रब क्या कर दिया।
सुरिंदर कौर

Language: Hindi
286 Views
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