Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2017 · 1 min read

जगत रचयिता पूछ रहा है ,, बोलो युवा कौन हो तुम

जगत रचयिता पूछ रहा है
बोलो युवा कौन हो तुम ,,,,

शांत जल की नीरवता हो या
अपार ऊर्जा का कोलाहल हो तुम ,,,,

सिद्ध पुराने समीकरणो को पंगू करते
अधुनातन रीत का मंडन हो तुम ,,,,
या
विभत्स बड़ा जो जान पर भारी
रिवाजो का खंडन हो तुम ,,,,

जगत रचयिता पूछ रहा है
बोलो युवा कौन हो तुम ,,,,

बड़े खड़े बाधाओ पर भारी
विजय केवल विजय लक्ष्य को अभिशप्त हो तुम ,,,,
या
न्याय प्रियो के अश्रुओ से निकले
निर्भिक प्रचंड ज्वाला से तप्त हो तुम ,,,,

कृत्य सहित जो धर्म का सूचक
ऐसा विचारो का उत्थान हो तुम ,,,,
या
बे बंधन उन्मुक्त अंबर का जीवंत उड़ता ज्ञान हो तुम ,,,,

जगत रचयिता पूछ रहा है
बोलो युवा कौन हो तुम ,,,,

झांको अंदर सलीके से अभी युवा
क्या
राष्ट्र भाग्य को लिखने वाले
प्रत्यक्ष द्रुत देव हो तुम ,,,,

सदानन्द
31 जुलाई 2017

Language: Hindi
572 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
We can not judge in our life ,
We can not judge in our life ,
Sakshi Tripathi
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
Kanchan Khanna
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
विचार, संस्कार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
तू भी तो
तू भी तो
gurudeenverma198
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जीवन में कोई भी फैसला लें
जीवन में कोई भी फैसला लें
Dr fauzia Naseem shad
A setback is,
A setback is,
Dhriti Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
मोहब्बत
मोहब्बत
AVINASH (Avi...) MEHRA
💐प्रेम कौतुक-400💐
💐प्रेम कौतुक-400💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
Dushyant Kumar
शुभ दिवाली
शुभ दिवाली
umesh mehra
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
आखिर कब तक इग्नोर करोगे हमको,
शेखर सिंह
"राष्टपिता महात्मा गांधी"
Pushpraj Anant
कृष्ण भक्ति
कृष्ण भक्ति
लक्ष्मी सिंह
😜 बचपन की याद 😜
😜 बचपन की याद 😜
*Author प्रणय प्रभात*
हिरनी जैसी जब चले ,
हिरनी जैसी जब चले ,
sushil sarna
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
Loading...