छवि है सलोनी श्याम की
छवि है सलोनी श्याम की।
सीता रमण श्री राम की।
जो देख भवबाधा टरे।
इनसे सभी दुख हैं डरे।।
तस्वीर इनकी बोलती।
प्रारब्ध के पट खोलती।
छवि है मनोहर साँवला।
माखन चुराता बावला।।
है चित्र में छवि खुशनुमा।
कवि मानता है रहनुमा।
छवि है अलौकिक राम की
रावण विजय संग्राम की।।
वो दुष्ट को संहारना।
उपजी तभी सद्भावना।
पग से अहिल्या तारना।
वो ताड़का को मारना।
छवि है सरस सुंदर भली।
वो थर्म रक्षक है बली।
श्री कृष्ण राधे जाप हो।
सीता रमण भी आप हो।।
#स्वरचित
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’