*छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)*
छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)
_________________________
छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर
अपना पैसा फूॅंक कर, बनते लेखक-वीर
बनते लेखक-वीर, नहीं क्रेता मिल पाता
मुफ्त मिले तो धन्य, पढ़ा फिर भी कब जाता
कहते रवि कविराय, मिले रॉयल्टी सपना
पढ़ें-खरीदें लोग, तभी सार्थक है छपना
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451