चेहरा
चेहरा
दुनिया की दुकान में
चेहरों का है नुमाइना
कौन सा है असली चेहरा
हैरत में है आइना
चेहरे की ख़ूबसूरती कहीं चाँद सी खास
कहीं उसने सादगी का ओढ़ रखा लिबास
एक चेहरा जो हर पल है मुस्कुराता
दूजा उसके पीछे है हर गम छुपाता
कोई चेहरा होता जैसे खुली किताब
कहीं सिलवटें रखती उम्र का हिसाब
कई चेहरे छुपा लेते अनगिनत से राज़
कहीं दर्द बयां करते चेहरे बिन अल्फ़ाज़
किसी के चेहरे पर मासूमियत की नक़ाब
कोई क़त्ल करता पहन हुस्न का शबाब
चाँद सा चेहरा,उस पर चेहरे पे चेहरा
किरदार बदलता बिन रोक बिन पहरा
रेखा