चिडिय़ा रानी
*******चिड़िया रानी******
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चिड़िया रानी चिड़िया रानी
चिड़िया रानी बहुत सियानी
रंग – बिरंगे हैं पँख तुम्हारे
दिल को भाते खूब हमारे
हर रोज सुबह तुम आती हो
प्यारा संदेश तुम लाती हो
दाना चुगने तुम आती हो
चीं चीं कर गाना गाती हो
चिड़े राजा साथ साथ खड़े
खाते दही बड़े खड़े – खड़े
अकेली नहीं तुम आती हो
मधुरिम राग तुम सुनाती हो
आँखे तेरी प्यारी – प्यारी
तारक जैसी चमकें प्यारी
पास तेरे आना चाहते
देख हमें तुम फुर हो जाते
गले में सुंदर मोती माला
डाली हो जैसे वरमाला
सुखविंद्र है आजाद परिंदा
मनमोहक भावुक परिंदा
भू पर कब वापिस आओगी
कब मधुरिम राग सुनाओगी
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अंग्रेजी प्राध्यापक
रा.उ..वि.खेड़ी सिम्बल वाली