मुक्तक
शेर सिंह गीता के ज्ञाता
पढ़ते किशन कुरान बंधुओं |
रसिक श्याम पर रचना रचते
रच – रच कर रसखान बंधुओं |
रामरतन , रहमान मिलाए
हाथ जहां तसरीफ़ ला रहे,
उस मिट्टी को नमन
वही है अपना हिंदुस्तान बंधुओं |
अवधकिशोर ‘अवधू’
मो. न.-9918854285