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28 Apr 2024 · 1 min read

“इंसान की फितरत”

“इंसान की फितरत”
बातें तो सभी अच्छी कर लेते हैं ।
पर बातें उन्हीं की अच्छी लगती है ,
जिन्हें हम पसंद करते हैं ।
ना पसंद लोगों की बातें भी,
हमें ना पसंद होती है।
……….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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