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5 Aug 2023 · 1 min read

****** प्रिय मित्रों का वंदन करते हैँ *****

****** प्रिय मित्रों का वंदन करते हैँ *****
**********************************

अपने प्रिय मित्रों का हम वंदन करते हैँ,
पुलकित हर्षित मन से अभिनन्दन करते है।

हम खुश हैँ हमारे यहाँ प्यारे यार पधारे है,
प्यारे यार हमारे तो आँखों के तारें है,
उनके हम स्वागत में सुमन अर्पण करते है।
पुलकित हर्षित मन से अभिनन्दन करते हैँ।

हर मुख पर रौनक है हर सूरत मुस्कराई,
खुशियों की तान छिड़ी ह्रदय मे है तरुणाई,
रिमझिम सी फुहारों का हम वर्षण करते हैँ।
पुलकित हर्षित मन से अभिनंदन करते है।

कुछ पुराने उलाहने थे उन्हें कब बुलाओगे,
विदाई मे हमारी हमे खीर कब खिलाओगे।
बीते सारे बहानों का हम खंडन करते हैँ।
पुलकित हर्षित मन से अभिनंदन करते हैँ

मनसीरत मन आगत मे गाता रहे कविताई,
फूलों से भरी हुई प्रांगण में बहारे आई,
प्रफुल्लित ख्यालों का हम वर्णन करते हैँ।
पुलकित हर्षित मन से अभिनंदन करते हैँ।

अपने प्रिय मित्रों का हम वंदन करते हैँ।
पुलकित हर्षित मन से अभिनन्दन करते हैँ।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
103 Views
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