Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2020 · 1 min read

चाहत

चाहत

जहाँ होता है सबसे ज़्यादा प्यार
वहीं मिलती है सबसे बड़ी हार
ऐसा होता है तो क्यों होता है?
ये दिल इतना क्यों रोता है?
दिल जो चाहे क्या सब मिल जाएगा?
मिल जाए तो क्या कुछ और न चाहेगा?
चाहतों का सिलसिला कहॉं होता ख़त्म
कुछ पाने की होड़ लगी रहती हरदम
पाना है उनको ये ज़िद नहीं अच्छी
पर क्या करें ये मोहब्बत हैसच्ची

रेखा

Language: Hindi
355 Views

You may also like these posts

दोहा पंचक. . . . .  अर्थ
दोहा पंचक. . . . . अर्थ
sushil sarna
ह्रदय की स्थिति की
ह्रदय की स्थिति की
Dr fauzia Naseem shad
****शिक्षक****
****शिक्षक****
Kavita Chouhan
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
तेरे दरबार आया हूँ
तेरे दरबार आया हूँ
Basant Bhagawan Roy
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
लक्ष्मी सिंह
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
बचकानी बातें करने वाले बुज़ुर्गों की इमेज उन छोरों ज
*प्रणय*
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
Neeraj Mishra " नीर "
ये है बेशरम
ये है बेशरम
RAMESH SHARMA
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
4817.*पूर्णिका*
4817.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
मेरा आशियाना
मेरा आशियाना
Ritu Asooja
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
*चॉंद की सैर (हास्य व्यंग्य)*
*चॉंद की सैर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
छोटी - छोटी बातें
छोटी - छोटी बातें
Shyam Sundar Subramanian
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
होगा कोई ऐसा पागल
होगा कोई ऐसा पागल
gurudeenverma198
यादों की कसक
यादों की कसक
Sakhi
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे
पूर्वार्थ
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मर्यादा"
Khajan Singh Nain
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
धरती, आसमान, चांद, सितारे, सूर्य की भी बीत रही उमर।
धरती, आसमान, चांद, सितारे, सूर्य की भी बीत रही उमर।
Rj Anand Prajapati
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
Ravi Betulwala
मुसीबत के वक्त
मुसीबत के वक्त
Surinder blackpen
Loading...