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6 May 2024 · 1 min read

“मर्यादा”

बाली सुग्रीव युद्ध मे मर्यादा का अलग अर्थ नज़र आया
जब मारने को तीसरे इंसान ने छुप कर तीर चलाया

ललकार के साथ वार करना युद्ध की मर्यादा है,
छुप कर वार करने में तो बेईमानी का इरादा है।

सुखी जीवन छोड़ वनवास को गया जो जीवन साथी,
वापिस आने पर फिर क्यों अग्नि परीक्षा उसी ने दी?

क्या मर्यादा पुरुषोत्तम होने को ऐसी अग्नि परीक्षा लेनी पड़ती है?
पर खुद को ऐसी कोई परीक्षा क्यों नहीं देनी पड़ती है?

लोकनिंदा के डर से गर्भवती पत्नी को वन भेजा जाता है,
फिर भी क्यों राजा मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाता है।

ऐसी मर्यादा तो किसी रूप में चरित्र-धीरता नहीं
जैसे माफी मांग कर चाकरी होती है, वीरता नही

क्यों शब्दों के अर्थ और भाव बदलते रहते हैं?
प्राय तो सीमा में रहने को ही मर्यादा कहते हैं।

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