चाहत है इंसान की उसे उड़ने को पर मिले
चाहत है इंसान की उड़ने को पर मिले
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चाहत है इंसान की उड़ने को उसे पर मिले,
परिंदे की चाहत है रहने को उसे घर मिले।
चाहत है पिता की, पुत्री को अच्छा वर मिले,
पर चाहत है पुत्र की, उसे अच्छी पत्नि मिले।
चाहत है एक कवि की,उसे हरेक सम्मान मिले,
पर संयोजक की चाहत खूब वाह वाह मिले।
चाहत है हर किसी की, उसे सब कुछ मिले,
रस्तोगी की चाहत है उसे अच्छे मित्र मिले।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम