“चाहत का आसमान”
“चाहत का आसमान”
चाहत का आसमान बहुत ऊँचा,
उसे दिल से कैसे मिटाए लोग।
बड़ी जालिम है ये सारी दुनिया,
फिरते आस्तीन में साँप छुपाए लोग।
“चाहत का आसमान”
चाहत का आसमान बहुत ऊँचा,
उसे दिल से कैसे मिटाए लोग।
बड़ी जालिम है ये सारी दुनिया,
फिरते आस्तीन में साँप छुपाए लोग।