अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
प्रेम प्रणय मधुमास का पल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आप जब हमको दिखते हैं
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
।। बुलबुले की भांति हैं ।।
वंशवादी जहर फैला है हवा में
करता नहीं हूँ फिक्र मैं, ऐसा हुआ तो क्या होगा
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
मेरा प्यारा राज्य...... उत्तर प्रदेश
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हे नाथ आपकी परम कृपा से, उत्तम योनि पाई है।
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य - Fractional Detachment
*संसार में कितनी भॅंवर, कितनी मिलीं मॅंझधार हैं (हिंदी गजल)*
चश्मे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)