चाहते है
सभी रिश्ते निभाना चाहते है
तुझे अपना बनाना चाहते
कदम तेरा हमेशा हो सही ही नया दीपक अब दिखाना चाहते है
सभी की जिन्दगी हो फिर रंगीँ सी
जमीं पर चाँद लाना चाहते है
मिला हमको नहीं कुछ भी किसी से
जमाना को सताना चाहते है
हमेशा प्यार तुमको ही किया है
मुहब्बत को सजाना चाहते है
बुराई लोग करते है यहाँ पर
लगाना चेहरा साँचा चाहते है
करें कोई नहीं वो काम अपना
बहाना जो बनाना चाहते है
हकीकत चेहरे में जो छिपी है
वही तो ढूंढना चाहते है
डॉ मधु त्रिवेदी