Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

चार बजे

प्रात: चार बजे की तन्हाई में
रजाई की नरम गरमाई में
हमारी नींद से नयन हैं बोझिल
उनकी मजलिस जमी हुई है!!

सितारों की चमक और ख़्वाब में
अनजाने रास्तों के हिसाब में
हमारे चंचल स्वप्न भी स्वप्निल
उनकी कवायद शुरू हुई है !

अधूरे सपनों का वास्ता है
दिल की धड़कन यादों की आहट,
सुकून की बेसाख्ता तलाश है बस
उनका योगासन बाग़ में ज़ारी!
निद्रा गली के कोने में यादें,
चार बजे की सांसों में बसी है।
पलकों के पन्नों पर थमी मुस्कान,
उनकी चाय चढ़ी हुई है !

चार बजे की अँधेरी तन्हाई में,
सपनों का जहां यत्न से संजोते हैं
हम तो हिसाब सुखों का जोड़ रहे हैं
वो पडोसी के आम और फूल तोड़ रहे हैं !

Language: Hindi
149 Views
Books from Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
View all

You may also like these posts

अनुरक्ति की बूँदें
अनुरक्ति की बूँदें
singh kunwar sarvendra vikram
तुम बिन सूना मधुमास
तुम बिन सूना मधुमास
Sudhir srivastava
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पूर्वार्थ
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
6 लहरें क्यूँ उफनती
6 लहरें क्यूँ उफनती
Kshma Urmila
4535.*पूर्णिका*
4535.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पंख
पंख
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
दोहा पंचक. . . अर्थ
दोहा पंचक. . . अर्थ
sushil sarna
दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
shubham saroj
मज़बूत होने में
मज़बूत होने में
Ranjeet kumar patre
*वधू (बाल कविता)*
*वधू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
Harminder Kaur
#ਜੇ ਮੈਂ ਆਖਾਂ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ
#ਜੇ ਮੈਂ ਆਖਾਂ ਨਹੀਂ ਜਾਣਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
बस तुम्हारे ही सपने संझोते रहे।
Abhishek Soni
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
गाय को पता नहीं/ प्रसिद्ध व्यंग्यकार और कवि विष्णु नागर की कविता
गाय को पता नहीं/ प्रसिद्ध व्यंग्यकार और कवि विष्णु नागर की कविता
Dr MusafiR BaithA
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
shabina. Naaz
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
हर किसी का कर्ज़ चुकता हो गया
Shweta Soni
आख़िरी हिचकिचाहट
आख़िरी हिचकिचाहट
Shashi Mahajan
जिंदगी तुम रूठ ना जाना ...
जिंदगी तुम रूठ ना जाना ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
हर किसी का कोई न कोई,
हर किसी का कोई न कोई,
TAMANNA BILASPURI
#वाल्मीकि_जयंती
#वाल्मीकि_जयंती
*प्रणय*
बंदगी हम का करीं
बंदगी हम का करीं
आकाश महेशपुरी
......?
......?
शेखर सिंह
कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो
कल एक नज़र जिंदगी पर डाली तो
Jyoti Roshni
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
Neeraj Agarwal
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मजदूर
मजदूर
Vivek saswat Shukla
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...