चाय प्रकरण
हाथ में लेकर
चाय की प्याली
आई मेरी सुन्दर घरवाली..
मैंने मासूमियत से
चाय की एक चुस्की ली
और कहा
आज एक कविता हुई
बहुत दिनों के बाद
मैडम का मूड अच्छा था
मुस्कुरा कर बोली- इर्शाद!!
तो आप भी कीजिए
चाय का पान
और सुनिए
कविराज पवन का फ़रमान
जिस चाय का सुनते ही नाम
मिलता है झट स्फूर्ति का पैगाम
चलिए देखते हैं कैसे
हुई उसकी खोज-
ईसा पूर्व -2737 की है बात
शेन नूंग चीन के सम्राट
पीते थे गर्म पानी रोज़
एक दिन गलती से गिर पड़ीं
गर्म पानी में कुछ पत्तियाँ
केमेलिया सिनेन्सिस नामक झाड़ी की
फिर क्या-
पानी का रंग बदला
स्वाद भी बदला
लाल गरम पानी की
रोज़ होने लगी दरकार
हो गया चाय का आविष्कार
चाहे मेहमान का स्वागत हो
या करनी हो कोई मीटिंग,
पानी के बाद चाय ही तो है
दैनिक जीवन की ग्रीटिँग
तनाव को भुलाकर
तरो-ताज़ा हो जाता है तन-मन
इसीलिए तो दुनिया भर में
हुआ है टी ब्रेक का प्रचलन।
हरी पत्तियों की प्रोसेसिंग से
उभरता है चाय का रंग
जिसके पीने से
खुल जाता है अंग-प्रत्यंग
अब देखना यह है ..
भिन्न-भिन्न तरह की पत्तियों से
चाय कैसे लेती है अलग-अलग अवतार
काली चाय सफेद चाय
हरी चाय और ओलोंग चाय
यही चार हैं चाय के मुख्य प्रकार
प्रोसेसिंग के कारण
पत्तियाँ जो हो जाती काली..
डायबिटीज़ और हृदय रोग के
खतरे को करती है कम
वही है ब्लैक टी का असली दम
न्यूनतम प्रोसेस कम कैफीन
और कम से कम धूप
यही देते हैं सफेद चाय को उसका रूप
शानदार स्वाद और खुशबू से भरपूर
कोलेस्ट्रोल एवं ब्लड प्रेशर
जो कम करने मे है मुफ़ीद
जिस में एंटीऑक्सीडेंट का है गुण
वो है ग्रीन टी
जो स्वास्थ्य के लिए है महत्वपूर्ण
पौधे के पत्ते,
डाली और कलियां-
तीनों का जिसमें है मिश्रण
उस से बनता है ओलोंग टी
झुर्रियाँ करता है कम
त्वचा रखता है चमकदार
रंग साफ़ और वज़न पर नियंत्रण
अगर रोज़ करें इसका सेवन
दिन में कई बार
चाय बनती है निराली
जैसे मसाला चाय
सर्दी के मौसम में ज़ायकेदार
दूध वाली कड़क चाय
पीने वालों को पीते ही मज़ा आ जाय
केतली वाली चाय,
तंदूरी चाय और इंग्लिश चाय
जिसको जो पसंद हो
अपनी अपनी राय
लीफ़ टी आइस्ड टी और लेमन टी के हैं अपने अपने रंग।
पीते ही भर दे तन मन में नया उमंग
अदरक वाली चाय दूध के संग
पीने से खिल उठे अंग-प्रत्यंग
इलायची वाली चाय की है अपनी पहचान
पीने से आ जाती है नयी जान
पुदीने वाली चाय का अनोखा स्वाद
नाथद्वारा की दिलाता है याद
एक कप गर्म दूध और
पानी संग करो चीनी का सम्मिश्रण
टी बैग्स को डुबो-डुबोकर हिलाते हिलाते कर लो सुगंध युक्त मिश्रण।
जड़ी बूटी से बनी है हर्बल चाय
पीने से ही रोग दूर हो जाय
अरे श्रीमती जी सुनिए मेरी जान
चाय की इतनी चर्चा से
एक कप और चाय पीने का
दिल में जाग उठा है अरमान
माननीय पाठक गण
आप सबका बहुत आभार
सबको नमस्कार, आदाब और प्रणाम
अनुमति हो तो अब कर लूँ कुछ विश्राम
लेकिन भाइयो और बहनो,
कमेंट बॉक्स में
दर्ज अवश्य कर जाइएगा
अपने अपने नाम।।
इति चाय प्रकरण
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प्रस्तुति:
पवन ठाकुर “बमबम”
गुरुग्राम (कोरोना काल)
19.07.2020