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26 Sep 2018 · 1 min read

चाँद और सूरज

आते रवि शशि बारी बारी
करें सुबह और शाम हमारी

दिन तो होते गोरे गोरे
काली लेकिन रात बिचारी

एक जगाता एक सुलाता
अलग अलग दोनों की पारी

मिले नहीं है कहीं कभी भी
धूप छाँव सी इनकी यारी

चन्दा को प्रिय लगे चाँदनी
धूप लगे सूरज को प्यारी

मगर जरूरी हैं दोनों ही
चलती इन पर दुनिया सारी

26-09-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
337 Views
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